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क्या ज्यादा गुस्सा हार्ट फेल्योर का कारण बन सकता है? जानिए सच और समाधान



By:- Shersingh Meena


गुस्सा आना एक सामान्य भावना है, लेकिन जब यह बार-बार, तीव्र और अनियंत्रित रूप में आता है, तो यह हमारे शरीर खासकर दिल (Heart) पर खतरनाक असर डालता है। मेडिकल साइंस में कई ऐसे केस दर्ज किए गए हैं जहां अत्यधिक गुस्से के कारण हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर तक हो गया।


गुस्से में शरीर में क्या होता है?

जब हम गुस्सा करते हैं, तो शरीर में तनाव-उत्प्रेरक हार्मोन जैसे एड्रेनालिन और नॉरएड्रेनालिन तेजी से बनते हैं। इनके कारण:

  • दिल की धड़कन तेज हो जाती है
  • ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाता है
  • ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है
  • मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं
यह सब मिलकर हृदय पर भारी दबाव डालता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें पहले से दिल की बीमारी, हाई बीपी, डायबिटीज़ या स्मोकिंग की आदत हो।


गुस्से से कैसे हो सकता है हार्ट फेल्योर?

गुस्से की स्थिति में ब्लड क्लॉट (खून का थक्का) बनने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह थक्का अगर दिल की धमनियों को ब्लॉक कर दे तो व्यक्ति को हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर हो सकता है। कुछ मामलों में ये अटैक गुस्से के तुरंत बाद होते हैं, जबकि कई बार 1 घंटे के भीतर भी ये खतरा बना रहता है।

मशहूर मेडिकल स्टडीज में यह सिद्ध हो चुका है कि अत्यधिक गुस्सा हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम 2 से 4 गुना तक बढ़ा देता है।


गुस्से को कंट्रोल कैसे करें?

अगर आप भी बार-बार गुस्सा करते हैं, तो नीचे दिए उपाय ज़रूर आजमाएं:


  • 1. गहरी साँस लें – गुस्से में तुरंत 3-4 गहरी साँसें लें। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है और आप शांत होते हैं।
  • 2. 5 सेकंड का नियम – जवाब देने से पहले 5 सेकंड सोचें।
  • 3. योग व मेडिटेशन करें – प्रतिदिन 10-15 मिनट ध्यान लगाने से मानसिक शांति मिलती है।
  • 4. फिजिकल एक्टिविटी – दौड़ना, टहलना या व्यायाम गुस्से को कम करता है।
  • 5. नींद पूरी लें – नींद की कमी से चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ता है।
  • 6. बातें शेयर करें – अपनी फीलिंग्स दोस्तों या परिवार से शेयर करें।
  • 7. प्रोफेशनल हेल्प लें – ज़रूरत पड़े तो मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से बात करें।

  • निष्कर्ष:


गुस्सा आना स्वाभाविक है, लेकिन अनियंत्रित गुस्सा आपके दिल के लिए खतरा बन सकता है। यह सिर्फ रिश्तों को नहीं तोड़ता, बल्कि आपके हृदय को भी चुपचाप नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, गुस्से को समय रहते पहचानें और सही उपाय अपनाएं।


👉 याद रखें – गुस्से को जीतना, खुद से जीतने जैसा है।

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